tag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post2433210318277807569..comments2023-07-14T09:31:39.420-04:00Comments on जनज्वार ब्लॉग : पत्रकार और थानाध्यक्ष के झगड़े में खबर ही बदल गयीUnknownnoreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-71464621838452600742017-04-10T09:16:51.233-04:002017-04-10T09:16:51.233-04:00आपका स्टैंड समझ आता है। आपको पता हो कि UPSC का एग्...आपका स्टैंड समझ आता है। आपको पता हो कि UPSC का एग्जाम देने का ज्यादातर अभ्यर्थियों का प्राथमिक मकसद IAS बनना ही होता है। सामान्य बोलचाल में लोग यूपीएससी को IAS ही कह देते हैं। जहाँ तक हमलावरों के इरादे की बात है तो बताइए कि पिछले साल अनुसूचित जाति के दो सगे भाइयों ने IIT JEE में प्रवेश पाया था तो उनके घरों पर तो पत्थर बरसाए गए थे। इस हमले का मकसद क्या था। दलितों को घोड़ी पर चढ़ने की वजह से पीट दिया जाता है उसका मकसद क्या होता है। समझ सकता हूँ आपकी प्रगतिशीलता को!Sudhir Ambedkarhttps://www.blogger.com/profile/02613535976767622359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-62695514598814175802017-04-10T07:50:43.547-04:002017-04-10T07:50:43.547-04:00यही तो जनज्वार आपको बताने की कोशिश कर रहा है कि खब...यही तो जनज्वार आपको बताने की कोशिश कर रहा है कि खबर बेचने के लिए हमले में आइएएस शब्द जोड़ा गया। हमले को परीक्षा देने से रोकने वाला बनाया गया अन्यथा एक दलित का दो—चार घूंसे पड़ना कहां कोई खबर बनती है। दूसरा कि दलितों पर हमले कम नहीं हो रहे कि गलत खबरों का सहारा लिया जाए। झूठी खबरों से कभी कमजोर लोगों का भला नहीं होता। उपर से जो आपके पक्षधर हैं उन्हें भी शर्मिंदा होना पड़ता है कि गलत खबर को उन्होंने आगे बढ़ाया। Janjwarhttps://www.blogger.com/profile/03487871143104781362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-10111026061963251042017-04-10T05:06:14.748-04:002017-04-10T05:06:14.748-04:00'यह अकेला था और वह तीन—चार। उन्होंने इसे दो—चा...'यह अकेला था और वह तीन—चार। उन्होंने इसे दो—चार हाथ लगा दिया और चलते बने। किस्सा बस इतना ही था।' (सामान्य झगड़े या दो चार हाथ लगने पर कौन लौंडा थाने में जाता है? चोट के निशान के बिना तो आम आदमी का मामला दर्ज नहीं होता. सामान्य थप्पड़बाजी, लात-घूँसे आदि के मामले पुलिस दर्ज कहाँ करती है? कई बार तो मर्डर के केसेज में भी मामला दर्ज करते समय हीला हवाली होती है और प्रेशर पड़ने पर ढीले-ढाले तरीके से मामला दर्ज किया जाता है ताकि बाद में रफा दफा किया जा सके. यूपीएससी क्लर्की का एग्जाम नहीं लेती मुख्यतः क्लास वन पोस्ट के एग्जाम और इंटरव्यू कन्डक्ट करती है. इस मामले में सच चाहे जो भी हो पर इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश में सामंती मानसिकता अभी भी मौजूद है.)जाट देवताhttps://www.blogger.com/profile/17556345636263631211noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-90426240753175280342017-04-10T04:54:25.644-04:002017-04-10T04:54:25.644-04:00This comment has been removed by the author.जाट देवताhttps://www.blogger.com/profile/17556345636263631211noreply@blogger.com